ABOUT PUJYA MAHARAJ SHRI
भारत की संस्कृति और इसका वाङ्गमय विश्व में सर्वश्रेष्ठ है । विश्व को सन्मार्ग पर अग्रसर करने को भारत माँ अपनी गोद में समय समय पर अद्धितीय प्रतिभा का लालन पालन करती हैं । इसी क्रम में भारत माँ ने तीनों लोकों और चौदह भुवन में सबसे पवित्र श्रीअवध की माटी में 13 अगस्त 1990 दिन सोमवार को पूजनीया माता गीता देवी जी के अंक से श्री रामचरित को जन जन के जीवन में संचारित करने के पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदास जी के भावपूर्ण काव्यांजलि को समाज में यथार्थ रूप देने के लिए "समर्थ गुरु" पूज्य श्री अनूप जी महाराज को जन्म दिया । श्री राम काज हेतु अवतरित जीव हेतु सम्पूर्ण प्रकृति प्रारम्भ से ही अनूकूल मार्ग प्रशस्त करती जाती है । पूज्य महाराज श्री प्रारंभिक शिक्षा ननिहाल में पूर्ण करते हुए पूज्य नाना जी के सानिध्य में बचपन से ही आध्यात्मिक संस्कार ग्रहण करना प्रारंभ कर दिया । 5 वर्ष की छोटी सी आयु में आपने सुंदरकांड के पाठ का गान करना सीख लिया श्री रामकथा में आपकी रुचि, श्री सीताराम भगवान जी एवं श्री हनुमान जी महाराज के प्रति आपकी अगाध श्रद्धा, विश्वास एवं लगन के प्रसाद स्वरूप आपको 13 वर्ष की आयु में पूज्य गुरुदेव के रूप में सन्यासी जी महाराज का पावन सानिध्य प्राप्त हुआ । पूज्य गुरुदेव ने ही आपमें आध्यात्मिक जीवन के साथ तकनीकी शिक्षा के साथ युवाओं के रोजगार एवं जीवन सुधार के लक्ष्य का बीज स्फुटित कर दिया। पूज्य महाराज श्री ने तकनीकी शिक्षा के रूप में कंप्यूटर साइंस विभाग से इंजिनीरिंग में स्नातक (B.Tech.) और परास्नातक(M. Tech)की शिक्षा प्राप्त की और इस दौरान आपको प्रो. डॉ. पुण्यात्मा सिंह जी (प्रो. गणित IIT, Kanpur) का सानिध्य मार्गदर्शक के रूप में प्राप्त हुआ । श्री सीताराम जी भगवान की कृपा, पूज्य गुरुदेव भगवान की प्रेरणा एवं शैक्षिक जीवन के मार्गदर्शक प्रो. डॉ. पुण्यात्मा सिंह( IIT KANPUR) के मार्गदर्शन में मानसिक सहज सन्यास लेते हुए एक सुदृढ़ समाज की संकल्पना से "भारत निर्माण मिशन" की स्थापना की । जिसके माध्यम से जन जन को श्री रामकथा से जोड़कर उनके जीवन को ऊर्जावान, संस्कारवान और संकल्पित बना कर जीवन को जीने की कला का ज्ञान देकर श्री रामचरितमानस की कलयुग में प्रासंगिकता को साकार स्वरूप दे रहे हैं ।
Read More